mangal dosh - An Overview
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यदि हम ईश्वर के साथ अन्तर्सम्पर्क में हों तो हमारी अनुभूति असीम होती है, जो उस दिव्य उपस्थिति के सागरीय प्रवाह में सर्वव्यापक हो जाती है। जब परमात्मा का ज्ञान हो जाता है, और जब हम स्वयं को आत्मा के रूप में जान लेते हैं, तो जल या थल, पृथ्वी या आकाश कुछ नहीं रहता- सब कुछ वे ही होते हैं। सब वस्तुओं का परमात्मा में विलय हो जाना एक ऐसी अवस्था है जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता। उस स्थिति में एक महान् आनन्द का अनुभव होता है- आनन्द, ज्ञान और प्रेम की शाश्वत परिपूर्णता।
यहाँ हम आपको क्या समझाने का प्रयत्न कर रहे हैं सुनिए.
राहु ग्रह की अशुभता दूर करनी हो, तो भगवती काली की उपासना करें । राहु अशुभ हो तो अचानक शारीरिक कष्ट होता है । चांदी की चेन गले में पहनें, राहत मिलेगी । कुत्तों को रोटी अवश्य खिलाएं, गरीबों को सूज़ी का हलवा अपने हाथ से बांटें, राहू के वजह जो कष्ट समस्या मिल रहा था , वो दूर हो जायेगा ।
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बहुत से लोगों को यह संदेह हो सकता है कि ईश्वर की प्राप्ति ही जीवन का उद्देश्य है; परन्तु प्रत्येक इस विचार को स्वीकार कर सकता है कि जीवन का उद्देश्य प्रसन्नता प्राप्त करना है। मैं कहता हूँ कि ईश्वर सुख हैं। वे परमानंद हैं। वे प्रेम हैं। वे वह आनन्द हैं, जो आपकी आत्मा से कदापि दूर नहीं जाएगा। तब आप क्यों नहीं उस आनंद को पाने का प्रयास करते?
आलस्य में अपना समय व्यर्थ न गवांएं। बहुत से लोग व्यर्थ के क्रियाकलापों में व्यस्त रहते हैं। उनसे पूछिये कि आप क्या कर रहे थे, तब वे प्रायः यही कहेंगे: “अरे!
तो क्या जीवन का ये खेल अनवरत चलता ही रहता है, एक जन्म के बाद more info दूसरा, फिर तीसरा, फिर चौथा?
योगी कथामृत एक आध्यात्मिक गौरवग्रन्थ की रचना
आध्यात्मिक-गुरुवंश परंपरा सोसाइटी का नेतृत्व
[113] In these cases, any Europa League berth vacated is not handed down to the subsequent-best Premier League finisher outside of a qualifying put. If the two Champions League and Europa League winners are of the same association and both equally end outside the best four, then the fourth-put staff is transferred for the Europa League.
[88] On the other hand, its use continues to be fulfilled with mixed receptions from enthusiasts and pundits, with a few praising its accuracy even though Some others criticise its effect on the flow of the game and consistency of conclusion-producing.
ईश्वर का प्रेम, परमात्मा का प्रेम, सम्पूर्ण रूप से ग्रसित करने वाला है। एक बार आप इसका अनुभव प्राप्त कर लें, तो यह आपको शाश्वत परिमंडलों की ओर ले जाता चला जाएगा। वह प्रेम आपके हृदय से कभी भी अलग नहीं किया जाएगा। यह वहाँ प्रचण्ड होगा और इसकी अग्नि में आप परमात्मा के महान् चुम्बक को पाएंगे जो दूसरे व्यक्तियों को आपकी ओर खींचता है और वे सब कुछ जिनकी आपको वास्तव में आवश्यकता या इच्छा है, आपकी ओर आकर्षित करता है।
इन चुनौतपूर्ण समय में आध्यात्मिक प्रकाश
देखिये जीवन तो भगवान् ने सभी प्राणियों को दिया ही है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की परमात्मा ने इंसान को क्यों बनाया. इतना तो आप सब जानते ही होंगे की सभी प्राणियों में परमात्मा ने इंसान को सर्वश्रेस्ठ बनाया है.